Ayatul Kursi in Hindi कुरआन मजीद में
सूरह बकरा की 255वीं आयत है। आयतुल कुर्सी में अल्लाह की ताकत और शान
बयाँ की गयी है।
आयतुल कुर्सी हिंदी
में बताया गया है कि अल्लाह की जात बह है जो हमेशा से जिन्दा था और हमेशा
जिन्दा रहेगा।बह पूरी कायनात का मालिक है।
जमीन से लेकर आसमान तक, पहाड़ों से लेकर समुन्द्र तक, हवा से लेकर
पेड़-पौधों तक, चाँद से सूरज तक दुनिया की हर चीज़ का मालिक अल्लाह है।
इस आयत में बताया गया है की अल्लाह कभी सोता नही है और न उसे कभी उन्घायी
आती है बह पूरी कायनात को बिना सोये, बिना थके चला रहा है।
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Ayatul Kursi in Hindi Text Read Online
(आयतुल कुर्सी हिंदी में)
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
अल्लाह के नाम से शुरू जो बड़ा मेहरबान रहम बाला है
1. अल्लाहु ला इलाहा इल्लाहू
अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं
2. अल हय्युल क़य्यूम
वही हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है
3. ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नौम
न उसको ऊंघ आती है न नींद
4. लहू मा फिस सामावाति वमा फ़िल अर्ज़
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का है
5. मन ज़ल लज़ी यश फ़ऊ इन्दहू इल्ला बि इजनिह
कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके
6. यअलमु मा बैना अयदी हिम वमा खल्फहुम
वो उसे भी जनता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन से ओझल
है
7. वला युहीतूना बिशय इम मिन इल्मिही इल्ला बिमा शा..अ
बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों के
इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे
8. वसिअ कुरसिय्यु हुस समावति वल अर्ज़
उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए है
9. वला यऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा
ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं
10. वहुवल अलिय्युल अज़ीम
वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है
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Ayatul Kusri Hindi Image (आयतुल कुर्सी हिंदी फोटो)
Ayatul Kursi Hindi Pdf Download
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यह भी पढ़ें:- Surah Yaseen English Transliteration
Ayatul Kursi in English with Transliteration
Bismil-Laahir-Rah'man Ir-Rah'eem
In The Name Of God, The All-Merciful, The Most Compassionate.
Allaaho Laa Elaaha Illaa Howa, Al-Hayyul Qayyoomo,
Allah—There Is No God Except Him—Is The Living One,The All-Sustainer.
Laa Taakhozohu Senatuwn Walaa Nawmun,
Neither Drowsiness Befalls Him Nor Sleep.
Lahu Maa Fis Samaawaate Wa Maa Fil Arze,
To Him Belongs Whatever Is In The Heavens And Whatever Is On The Earth.
Man Zal Laze Yash-Fa-O' I'ndahu Illaa Be-Iznehi,
Who Is It That May Intercede With Him Except With His Permission?
Ya'lamo Maa Bayna Aydeehim Wa Maa Khalfahum,
He Knows What Is Before Them And What Is Behind Them,
Wa Laa Yoheetoona Be Shayim Min I'lmehi Illaa Bemaa Shaaa-A,
And They Do Not Comprehend Anything Of His Knowledge Except What He Wishes.
Wase-A' Kursiyyohus Samaawaate Wal Arza,
His Seat Embraces The Heavens And The Earth And He Is Not Wearied By Their Preservation,
Wa Laa Ya-Oodohu Hifzohomaa,
And He Is The All-Exalted,
Wa Howal A'liyyul A'zeemo.
The All-Supreme.
Ayatul Kursi in English Image
Ayatul Kursi English Pdf Download
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Ayatul Kursi in Arabic Text with Urdu Translation
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ
تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ
مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا
الَّذِي
يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ
أَيْدِيهِمْ وَمَا
خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ
بِمَا شَاءَ
وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ
يَئُودُهُ
حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
Ayatul Kursi Urdu Translation
خدا (وہ معبود برحق ہے کہ) اس کے سوا کوئی عبادت کے لائق نہیں زندہ
ہمیشہ رہنے والا اسے نہ اونگھ آتی ہے نہ نیند جو کچھ آسمانوں میں اور جو
کچھ زمین میں ہیں سب اسی کا ہے کون ہے جو اس کی اجازت کے بغیر اس سے (کسی
کی) سفارش کر سکے جو کچھ لوگوں کے روبرو ہو رہا ہے اور جو کچھ ان کے
پیچھے ہوچکا ہے اسے سب معلوم ہے اور وہ اس کی معلومات میں سے کسی چیز پر
دسترس حاصل نہیں کر سکتے ہاں جس قدر وہ چاہتا ہے (اسی قدر معلوم کرا دیتا
ہے) اس کی بادشاہی (اور علم) آسمان اور زمین سب پر حاوی ہے اور اسے ان کی
حفاظت کچھ بھی دشوار نہیں وہ بڑا عالی رتبہ اور جلیل القدر ہے
Ayatul Kursi Arabic Image
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Ayatul Kursi Tafseer Hindi Me
♣ पहला जुमला :
(अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं)
इसमें अल्लाह की ज़ात बयान की गयी है इसमें बताया गया है की अल्लाह
की जात वह जात है जिस के अन्दर तमाम कमाल पाए जाते हैं और तमाम
बुराइयों से पाक होती है और उस के सिवा कोई माबूद नहीं।
♣ दूसरा जुमला : (अल्लाह हमेशा जिंदा और बाकी रहने वाला है )
अरबी ज़ुबान में हय्य के मायने होते हैं,
"जिसको कभी मौत न आये" अथवा हमेशा जिंदा रहने वाला और
कय्यूम के मानी होते हैं।
जो खुद कायम रहता हो और दूसरों को भी कायम रखता और संभालता हो और
कय्यूम
अल्लाह तआला की एक ख़ास सिफत होती है जिस में कोई भी उस का
शरीक
नहीं।
क्यूंकि जो चीज़ें दुसरों की मोहताज हों ताकि वो खुद कायम रह सकें,
तो वो किसी दुसरे को क्या संभाल सकती हैं।
इसलिए किसी इंसान को क़य्यूम कहना जाएज़ नहीं बल्कि
अब्दुल कय्यूम ( कय्यूम यानी अल्लाह का बंदा ) कहना
चाहिए।
जो लोग अब्दुल कय्यूम की जगह सिर्फ कय्यूम बोलते हैं गुनाहगार
होंगे क्यूँकी कय्यूम सिर्फ अल्लाह के लिए इस्तेमाल होता है।
♣
तीसरा जुमला :
(न उसको ऊंघ आती है न नींद)
अल्लाह ने ही पूरी कायनात को बनाया और कायम किया है इसलिए एक आम
इंसान यह सोच सकता है कि जो ज़ात इतना बड़ा काम कर रही है।
उसे भी किसी न किसी वक़्त थकान होना चाहिए और कोई वक़्त आराम और नींद
के लिए चाहिए लेकिन इसमें महदूद और कमतर इल्म रखने वाले इंसान को
अल्लाह ने बता दिया है कि अल्लाह को अपने जैसा न समझे,
अल्लाह जब पूरे कायनात को बना सकता है तो ये काम उसकी कुदरत के
सामने कुछ मुश्किल नहीं और उस की ज़ात नींद और थकान से बरी है।
♣
चौथा जुमला :
(जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है सब उसी का
है)
इसका मतलब है कि तमाम चीज़ें जो ज़मीन और आसमान में मौजूद हैं सब
अल्लाह की ही बनायीं मिलकियत में हैं वो जिस तरह चाहे उस में
तसर्रुफ़ करे।
♣ पांचवां जुमला :
(कौन है जो बगैर उसकी इजाज़त के उसकी सिफारिश कर सके)
इसका मतलब, ऐसा कौन है जो उस के आगे किसी की सिफारिश कर सके, लेकिन
हाँ कुछ अल्लाह के मकबूल बन्दे हैं।
जिनको अल्लाह ने चुन लिया, खासतौर पर बात करने की और शिफारिश की
इजाज़त दी जाएगी लेकिन बगैर इजाज़त के कोई सिफारिश नहीं कर सकता |
♣ छठा जुमला :
(वो उसे भी जानता है जो मख्लूकात के सामने है और उसे भी जो उन
से ओझल है)
यानी अल्लाह उन लोगों के आगे पीछे के तमाम हालात जानता है। यहाँ
आगे पीछे से मतलब ये हो सकता है कि उनके पैदा होने के पहले और पैदा
होने के बाद के सारे हालात अल्लाह जानता है।
इसका दूसरा मतलब ये भी हो सकता है कि अल्लाह इंसान के वो सब हालात
जानता है जो इंसान के सामने खुले हुए है और पीछे का मतलब वो हालात
जो छुपे हुए हैं।
♣ सातवां जुमला :
(बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहाता नहीं कर सकते सिवाए उन बातों
के इल्म के जो खुद अल्लाह देना चाहे)
इंसान और तमाम मख्लूकात अल्लाह के इल्म के किसी एक हिस्से को भी
नही पा सकते मगर अल्लाह ही है जिसको जितना इल्म अता करना चाहें
सिर्फ उतना ही इल्म उसको मिल सकता है।
♣ आठवां जुमला :
(उसकी ( हुकूमत ) की कुर्सी ज़मीन और असमान को घेरे हुए
है)
इसमें बता है कि अल्लाह की कुर्सी इतनी बड़ी है कि उस में सातों
ज़मीन और सातों आसमान समाये हुए हैं अल्लाह की कुदरत को समझ पाना
इंसान की समझ से बाहर है।
लिहाजा इस किस्म की आयत को इंसान अपने ऊपर कयास न करे तो बेहतर
होगा।
♣ नवां जुमला :
(ज़मीनों आसमान की हिफाज़त उसपर दुशवार नहीं)
अल्लाह की जात सबसे आला है उसको ज़मीन व आसमान की हिफाज़त कोई बोझ
महसूस नहीं होती बल्कि उसकी कुदरत के सामने ये आसान चीज़ें हैं।
♣ दसवां जुमला :
(वह बहुत बलंद और अज़ीम ज़ात है)
यानि वो (अल्लाह) आली शान और अजीमुश शान है। पिछले नौ जुमलों
में अल्लाह की जातो सिफ़ात के कमालात बयान हुए हैं उनको देखने और
समझने के बाद हर अक्ल वाला इंसान यही कहने पर मजबूर है कि हर
इज्ज़त, अजमत, बलन्दी व बरतरी सिर्फ अल्लाह ही को ज़ेबा है।
Ayatul Kursi Audio or Mp3 File Download
मेरे प्यारे दोस्तों आपने
आयतुल कुर्सी के हिंदी, इंग्लिश और अरबिक टेक्स्ट को उनके मतलब
के साथ तो पढ़ लिया होगा।
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Benefits of Ayatul Kursi in Hindi
दोस्तों जैसा की आपको पता ही होगा अल्लाह की नाजिल की हुई किताब यानी
कुरआन मजीद हम सभी मुसलमानों के लिए हिदायत की किताब है।
अल्लाह ने जो कुरान अपने प्यारे नबी हुजुर अक्दस मोहम्मद सल्लल्लाहो
अलैह बसल्लम पर नाजिल की और उनके जरीके हम तक पहुंचाई।
यह अल्लाह का हम पर एहसान और रहम है की हम इस किताब को पढ़ कर सीधे
रास्ते को अपनाएं।
बैसे तो पूरा कुरआन हिदायत और बरकतों से भरा हुआ है मगर कुछ सूरतों और
आयतों को कुछ जादा ही महत्त्व दिया गया है। जिनमें से आयतुल कुर्सी भी एक है।
दोस्तों हमने यहाँ Ayatul Kursi पढ़ने के कुछ फायदे बताये है
थोड़ा गौर फरमायें।
🤲1. Ayatul Kursi कुरान करीम की सबसे अहम आयत है।
🤲2. जो आयतुल कुर्सी को पढ़ता है वो जिन्नों और शैतान के शर असरात से
महफूज़ रहता है।
🤲3. इसको पढ़ने का मतलब, आपने 1/4 कुरान मजीद पढ़ ली क्यूंकि यह आयत
कुरआन करीम के एक चौथाई के बराबर है।
🤲4. यह अर्श की दहलीज़ से है।
🤲5. इस आयत को खाने-पीने की चीज़ों पर पढ़ देने से उनमे अल्लाह सुभहाना व
ताला बरकत दाल देता है।
🤲6. जो सख्श फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ता है, वो अगली
फ़र्ज़ नमाज़ तक अल्लाह की हिफाज़त में महफूज रहता है।
🤲7. जो सख्श आयतुल कुर्सी को कसरत से पढ़ता है, उसके और जन्नत के बीच
सिर्फ मौत ही है जो उसे रोके हुए है।
🤲8. आयतुल कुर्सी जमीन,आसमान, जन्नत और दोजख से भी बड़ी है।
🤲9. जो सख्श अपने घर में दाखिल होने से पहले आयतुल कुर्सी को पढता है,
उसका पीछा कर रहा शैतान बहीं से पीछे भाग जाता है।
🤲10. जो सख्श इस आयत की तिलाबत करता है उसके बच्चे,घर,दौलत और पड़ोसी भी
महफूज़ रहते है।
🤲11. जो सख्श सूरह बकरा की आखरी आयात के साथ इस आयतुल कुर्सी को
पढ़ता है तीन दिन तक शैतान उसके घर में दाखिल नही हो सकता है।
🤲12. जो कोई भी इस आयत को किसी भी बर्तन पर पढ़ कर रख दे तो कोई जिन्नात
मखलूक उस बर्तन को खोल नही सकती।
🤲13. जो सख्श इस आयत की तिलाबत अपने घर में चारों ओर करता है और सो जाता है
तो कोई भी चोर या शैतान उसके घर में दाखिल नही हो सकता है।
🤲14. जो सख्श इस आयत की तिलाबत सूरह बकरा की आखिरी आयात के साथ करता है तो
उस सख्श की इस्त्दा इंसाअल्लाह बेजाह नही जाएगी।
🤲15. इस आयत को किसी के सोने की जगह पर पढ़ कर फूँक देने से अल्लाह ताला
उसकी सुबह तक हिफाज़त के लिए दो फरिस्ते मअजूल कर देता है।
🤲16. जो सख्श फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ता है, उसको अल्लाह इनाम में शुक्रगुज़ार दिल, याद रखने बाली जुबान,
अल्लाह ताला की राह में शहीद होने का सवाब देगा और उसको भी
सिद्दिकियों की तरह बदला दिया जायेगा।
🤲17. जो कोई भी किसी औरत के डिलीवरी के वक्त आयतुल कुर्सी के
साथ इन्ना रब्बा बी कुम अल्लाह और आखिर के दो कुल पढ़ता है तो उस औरत के
लिए डिलीवरी आसान हो जाएगी।
🤲18. जो कोई आयतुल कुर्सी को अपने माल और सामान पर पढ़ दे तो शैतान उस
माल को हाथ नही लगा सकता।
🤲19. जो कोई भी आयतुल कुर्सी और सूरह घाफिर की शुरू की आयत पढ़ता है
अल्लाह उसको सुबह से शाम तक महफूज़ रखता है और ये सिलसिला चलता रहता
है।
सुब्हानअल्लाह
Some Hadith on Ayatul Kursi (आयतुल कुर्सी कुछ हदीसों में)
दोस्तों बैसे तो आयतुल कुर्सी इन हिंदी के
उपर कई हदीस है। उनमें से एक दो हदीस हमने नीचे लिखी है आप इन आयतुल कुर्सी की
हदीस को पढ़ सकते है।
No.1
अबू हुरैरा रजिअल्लाहो अन्हु बयांन करते है
कि अल्लाह के प्यारे रसूल सल्लाहोअलैह बसल्लम ने मुझे रमजान मुबारक की
ज़कात को हिफाज़त के लिए दिया।
तब उसी रात कोई मेरे पास आया और खाने-पीने की चीज़ों से कुछ चुराने
लगा।
मैंने उसे पकड़ लिया और उससे कहा, मैं तुम्हे अल्लाह के प्यारे रसूल सल्लाहोअलैह बसल्लम के पास ले जाऊंगा।
ये पूरा वाकया अबू हुरैरा ने बताया और कहा, जब मैंने आपके पास लाने की
बात कही तब उसने मुझसे कहा कि मुझे रसूलअल्लाह सल्लाहोअलैह बसल्लम के पास मत ले जाओ।
मैं तुम्हे कुछ कलामात बताता हूँ, जिनसे अल्लाह तुम्हे फायदा
देगा।
उसने कहा, जब तुम अपने बिस्तर पर सोने जाओ तब आयतुल कुर्सी की
तिलावत किया करो।
इसके जरिये अल्लाह तुम्हारे पास एक फरिस्ता, तुम्हारी हिफाजत के लिए
लगा देगा। जो पूरी रात तुम्हारी हिफाजत करेगा और शैतान सुबह तक तुम्हारे
पास नही आ सकेगा।
जब रसूलअल्लाह सल्लाहोअलैह बसल्लम ने ये किस्सा सुना तो आपने
मुझसे कहा, उसने जो रात को तुम्हारे पास आया था, उसने जो भी कुछ कहा
वो सच है।
हांलाके वो झूठा है वो कोई और नही शैतान था।
सहीह बुखारी
No.2
अबू हुरैरा रजिअल्लाहो अन्हु से रिबायत है
अल्लाह के प्यारे रसूल सल्लाहोअलैह बसल्लम ने फरमाया,
अगर कोई सुबह के वक्त में हा-मीम अल मोमिन की तिलाबत करे तो उसका हतमी
मकसद और अर्श कलाम, उसकी हिफाज़त अल्लाह शाम तक करेगा और अगर कोई शाम को
इसकी तिलावत करेगा तो उसकी हिफाज़त सुबह तक होगी।
[Al-Tirmidhi – Hadith 2144]
YouTube Video of Ayatul Kursi with Tarjuma
Ayatul Kursi Related Some Questions and Answers
1. Why is ayatul Kursi so powerful?
Ans. Ayatul Kursi को कुरान की सबसे ताक़तबर
सूरातों में शुमार किया जाता है। क्यूंकि जब इस आयत की तिलाबत की जाती है तो अल्लाह ताला की अजमत की
तस्दीक की जाती है। जो सख्श इस आयत की सुबह व शाम इसकी तिलावत करता है वो अल्लाह की जात
जिन्नात से महफूज़ रहता है।
2. Why is it called ayatul Kursi?
Ans. आयतुल कुर्सी के मायने है:- "आयत की कुर्सी" जैसा
जी हम सब जानते है हर राजा अपनी पॉवरफुल गद्दी से हुक्मरानी करता है और
अल्लाह जो सब कायनात का मालिक और खालिक है उसकी गद्दी का क्या ही
कहना।
3. What is ayatul Kursi good for?
Ans. Ayatul Kursi बहुत सी बुराईयों से महफूज़ करती है.
आयतुल कुर्सी बीमारियों और बीमारियों के इलाज़ के तौर पर काम आती
है।
यह हमें अल्लाह की ताकत बयां करती है जिससे हम समझ सकें के अल्लाह ही
है जो पूरी कायनात को काबू किये है।
4. Where is ayatul Kursi located?
Ans. आयतुल कुर्सी कुरान की दूसरी सूरह, सूरह अल बकरा में है. यह
सूरः बकरा की 255वें नंबर की आयत है।
नोट:- दोस्तों दीन की बातों को दूसरों तक पहुँचाना हम लोगो का फ़र्ज़ बनता
है लिहागा इस पोस्ट को भी आगे शेयर करें, जिससे की और लोग भी दीन की
बातें जान सकें।
जजाकल्लाह खैर
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